5 Short Moral Stories for Kids in Hindi

आज हम कहानियों के माध्यम से 5 Short Moral Stories for Kids in Hindi लेकर आए हैं। यह एक पुरानी बात है एक आदमी अपने गांव जा रहा था।

आज हम कहानियों के माध्यम से 5 Short Moral Stories for Kids in Hindi लेकर आए हैं।

जो कि आपके बच्चों के लिए ज्ञान के स्त्रोत का काम करेगी और उन्हें जीवन में काम आने वाली अच्छी सीख प्रदान करेगी। उन्हें उनकी लाइफ में एक अच्छा इंसान बनाएगी और उनके गुणों को और निखारे की।

तो चलिए पढ़ते हैं 5 Hindi moral stories for kids

Short Moral Stories for Kids in Hindi – हिंदी कहानियाँ

  1. एक छोटी सी रस्सी
  2. यह होना ही था
  3. कक्षा का मॉनिटर
  4. मेहनत का फल
  5. जैसे हो वैसे ही सही

1- एक छोटी सी रस्सी | Story for Kids in Hindi | छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां

short moral stories for kids in hindi
Short Moral Stories for Kids in Hindi

यह एक पुरानी बात है एक आदमी अपने गांव जा रहा था। गांव और मेन रोड के बीच एक कच्चा रास्ता पड़ता था। उस कच्चे रास्ते से चलकर ही गांव पहुंचा जा सकता था।

वह आदमी बस से उतर के पैदल गांव की ओर जाने लगा। गांव जाते समय उसे रास्ते में एक हाथी दिखा।

उस हाथी को रस्सी से बांधा हुआ था। वह आदमी आश्चर्य से हाथी को देखने लगा।

उस आदमी से रहा नहीं गया और वह उस हाथी के मालिक से मिलने के लिए गया।

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आदमी ने पूछा यह हाथी तो बहुत बड़ा है और वह आसानी से रस्सी तोड़ सकता है। फिर भी हाथी यहां एक मुहूर्त की तरह खड़ा हुआ है। हाथी को एक छोटी सी रस्सी ने बांधा हुआ है ऐसा कैसे?

हाथी के मालिक ने कहा,”इस हाथी को बचपन से ही रस्सी से बांधा गया है। बचपन में हाथी का बच्चा बहुत हिम्मत करता था रस्सी तोड़ने की। लेकिन उसके पास इतनी ताकत नहीं थी कि वह यह मोटी सी रस्सी तोड़ पाए।

बार-बार कोशिश करने के बावजूद हाथी बचपन में रस्सी तोड़ नहीं सकता और धीरे-धीरे इसे यकीन हो गया कि यह रस्सी नहीं टूट सकती।

वह आदमी यह सब सुनकर आश्चर्यचकित हो गया और फिर वहां से चला गया।

कहानी से शिक्षाहाथी की रस्सी

अगर हमें किसी चीज पर यकीन हो गया हो, तो हम उसे ही सच मान लेते हैं।


2- यह होना ही था | Hindi Moral Stories for Kids | बच्चों की बाल कहानियां

Kids Stories In Hindi

एक बार एक बहुत ही बड़ा व्यापारी था। वह बहुत ही बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का मालिक था।

वह अपने ऑफिस के लिए घर से निकला। जैसे ही वह अपनी कार के पास पहुंचा और कार का दरवाजा खोला, उसी समय एक आवारा कुत्ते ने उसे काट लिया जोकि उसकी गाड़ी के नीचे सो रहा था।

व्यापारी को बहुत गुस्सा आया। उसने जमीन से एक पत्थर उठाया और कुत्ते को मारने के लिए फेंक दिया।

लेकिन कुत्ते को वह पत्थर नहीं लगा। कुत्ता वहां से भाग गया।

अपनी कार चला कर व्यापारी वहां से अपने ऑफिस चला गया।

ऑफिस में जाते ही उसने अपने मैनेजर को बुलाया और मीटिंग में कुत्ते के काटने का सारा गुस्सा व्यापारी ने अपने मैनेजर पर निकाला।

मैनेजर इस बात से बहुत गुस्सा हो गया और उसने अपना यह गुस्सा अपने नीचे काम करने वाले वर्कर्स पर निकाला।

यह सिलसिला ऐसे ही काम करने वाले क्लर्क ने भी झेला और आखरी में ऑफिस के चपरासी को भी इस गुस्से का सामना करना पड़ा।

अब चपरासी के नीचे कोई भी काम नहीं करता था इसलिए जैसे ही ऑफिस की छुट्टी हुई, चपरासी अपने घर चला गया।

घर जाकर चपरासी की बीवी ने दरवाजा खोला और पूछा,”आज तुम इतनी देर में क्यों आए?

चपरासी ऑफिस की डांट की वजह से बहुत परेशान था और उसने अपनी बीवी को कस के थप्पड़ मार दिया और कहा,”मैं ऑफिस में कोई फुटबॉल खेलने नहीं जाता। मैं ऑफिस में काम करने जाता हूं। मेरे से यह मूर्ख सवाल मत किया करो।

अब चपरासी की बीवी बहुत गुस्सा हो गई क्योंकि बिना किसी वजह से उसको डांट पड़ी थी।

इसी गुस्से के कारण उसने अपने बेटे को गाली देना शुरू कर दिया जोकि टीवी देख रहा था। चपरासी की बीवी ने कहा,”तुम्हें कोई काम नहीं है क्या? तुम्हारा मन पढ़ाई में नहीं लगता। टीवी अभी बंद करो।

चपरासी का बेटा नाराज हो गया और घर से बाहर चले गया।

चपरासी के बेटे ने बाहर निकलते ही एक कुत्ते को देखा और गुस्से की वजह से उसने एक बड़ा सा पत्थर उठाया और कुत्ते को मारा।

कुत्ते को वह पत्थर बहुत तेज की लगा और वह दर्द के मारे भौंकने लगा

यह कुत्ता वही था जिसने सुबह के समय व्यापारी को काटा था।

कहानी से शिक्षायह होना ही था

जैसा तुम करोगे वैसा ही तुम्हें मिलेगा।


3- कक्षा का मॉनिटर | Very Short Stories with Morals | मनोरंजक कहानियाँ

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एक बार की बात है केंद्र विद्यालय स्कूल के बच्चे पिकनिक जा रहे थे। पिकनिक में जाने के लिए सभी बच्चे बहुत खुश दिख रहे थे।

गणित के टीचर ने  श्याम को बुलाया और कहा,”तुम आज के लिए क्लास के मॉनिटर हो

तुम आज के मॉनिटर हो तो तुम्हें यह देखना है कि क्लास के सभी बच्चे लाइन से बस में चढ़े। बस में चढ़ने के बाद कोई भी बच्चा अपना शेर या हाथ खिड़की से बाहर ना निकालें। बस में चढ़ते वक्त और वापस आते वक्त बच्चों की गिनती करना तुम्हारी ड्यूटी है

श्याम ने अपनी गणित की टीचर को धन्यवाद कहा और जी मैडम बोला। मैं वैसा ही करूंगा जैसा आपने कहा है।

पिकनिक में जाकर सभी बच्चों ने और उनकी अध्यापकों ने खूब मौज मस्ती की। मौज मस्ती करने के बाद सब बच्चे वापस लौटने के लिए बस में चढ़ने लगे।

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वापस आते समय टीचर ने श्याम की तरफ देखा तो श्याम ने अपना शिर खिड़की से बाहर निकाल रखा था।

गणित की अध्यापिका को श्याम पर बहुत गुस्सा आया और वह चिल्लाने लगी।

अध्यापिका ने कहा,”तुम्हें मैंने बच्चों का ध्यान रखने के लिए कहा था। लेकिन यहां तो तुम अपने खुद का सिर बाहर निकाल कर देख रहे हो। तुम बहुत गैर जिम्मेदार स्टूडेंट हो।

श्याम ने कहा,”मैं तो वही कर रहा था जो आपने मुझे करने को कहा था। मैं बस से शिर बाहर निकाल कर यह देख रहा था कि कोई बच्चा पीछे छूट तो नहीं गया।

यह सुनने के बाद टीचर ने श्याम को सॉरी बोला और उसे शाबाशी दी।

कहानी से शिक्षाकक्षा का मॉनिटर

हमें कभी भी जल्दबाजी में किसी को कुछ बोलना नहीं चाहिए।


4- मेहनत का फल | Short Moral Stories in Hindi | प्रेरणादायक लघु कहानी

The ant and The Grasshopper Story Image

यह गर्मियों की बात है एक टिड्डा गाना गा रहा था। उस टिड्डा ने देखा कि एक चींटी बहुत काम कर रही है और खाना इकट्ठा कर रही है।

टुडे ने कहा, “तुम इतना काम क्यों कर रही हो इस गर्मी में ? गर्मियां तो आराम और मजे करने के लिए होती है। मेरे साथ आओ और तुम भी गाना गाओ।

चींटी ने कहा, “मैं सर्दियों के लिए खाना इकट्ठा कर रही हूं। तुम्हें भी सर्दियों के लिए खाना इकट्ठा करना चाहिए।

टिड्डे ने कहा,”मेरे पास अभी बहुत खाना है। मैं अभी से सर्दियों की चिंता क्यों करूं?

चींटी ने टिड्डे को नजरअंदाज किया और अपने काम में लग गई।

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अब सर्दियों का समय आ गया और टिड्डे के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था।

टिड्डे ने चींटी को देखा और खाने के लिए भीख मांगने लगा। लेकिन चींटी ने कहा की मेहनत तो मैंने करी है तो मैं तुम्हें कुछ नहीं दे सकती।

टिड्डे को इस तरह से अपनी गलती का पता चला।

कहानी से शिक्षामेहनत का फल

हमें आज मेहनत करनी चाहिए ताकि उसके अच्छे परिणाम हमें भविष्य में मिले।


5- जैसे हो वैसे ही सही | Short Stories With Moral values | रोचक और शिक्षाप्रद कहानियाँ

एक बार की बात है एक किसान के यहां एक बत्तख थी जिसने चार अंडे दिए थे।

कुछ दिनों के बाद उन अंडों में से चार बतख के बच्चे हुए। 

उनमें से तीन अपनी मां पर गए थे और एक थोड़ा अलग सा दिखता था। वह बड़ा और स्लेटी कलर का था।

बाकी जो बत्तख के बच्चे थे वह उसका मजाक उड़ाया करते थे। उसे बदसूरत कहा करते थे।

कुछ दिनों के बाद वह चूजा नाराज हो गया और तालाब के पास चले गया।

वहां पर उसने एक बहुत ही सुंदर बबूला देखा जिसका रंग सफेद था।

उसे तालाब में तैरता हुआ देखकर वह भी तालाब में चला गया और तैरने लगा।

वह फिर अपना प्रतिबिंब तालाब में देखने लगा और उसे यह महसूस हुआ कि वह एक बदसूरत बत्तख नहीं बल्कि एक खूबसूरत बगुला है।

कहानी से शिक्षाजैसे हो वैसे ही सही

आप जैसे हो वैसे ही बहुत खूबसूरत हो।


आशा करते हैं कि यह बच्चों की बाल कहानियां का संग्रहालय आपको बहुत पसंद आया होगा।

इस कहानी से जो शिक्षा हमें मिलती है वह आज की जिंदगी में बहुत ही जरूरी है।

अगर हमारे बच्चे अपने भविष्य में कुछ अच्छा करना चाहते हैं और हम चाहते हैं वह हमारे समाज में एक अच्छे इंसान की तरह उभरे, तो हमें ऐसी ही शिक्षा अपने बच्चों को भी देनी चाहिए।

इन Short Moral stories for kids in hindi कहानियों के माध्यम से ऐसी ही सीख अपने रीडर्स को देना चाहता है और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाने का प्रयास कर रहा है।

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