इस बच्चों की नई कहानियां का शीर्षक है “लोमड़ी के खट्टे अंगूर “। बहुत पुरानी बात है एक सुंदरवन नाम का जंगल हुआ करता था। इस वर्ष उस जंगल में काफी अच्छी बारिश हुई थी। वहां एक बड़ा सा अंगूर का पेड़ था। उस पेड़ में बहुत ही रसीले अंगूर हुआ करते थे। इस बार भी अंगूर के पेड़ में बहुत ही रसीले और पके हुए अंगूर लगे हुए थे। अंगूर के दाने बहुत ही बड़े और रसीले दिख रहे थे।
लोमड़ी उस जंगल में शिकार के लिए इधर से उधर घूम रही थी। लोमड़ी ने पेड़ पर अंगूर के रसीले गुच्छे लटके हुए देखे। वह अंगूर के गुच्छे दिखने में बहुत स्वादिष्ट लग रहे थे। उन अंगूर के गुच्छे को देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी भर गया। लोमड़ी ने सोचा क्यों ना आज अंगूर खा कर पेट भरा जाए।
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लोमड़ी ने अंगूर के गुच्छों की तरफ छलांग लगाई, पर अंगूर काफी ऊंचाई में लगे हुए थे। तो लोमड़ी अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई। लोमड़ी ने सोचा अंगूर तक कैसे पहुंचा जाए। लोमड़ी थोड़ी दूरी से दौड़ते हुए आई और फिर से छलांग लगाई। लेकिन इस बार भी लोमड़ी कामयाब नहीं हो सकी और उसका प्रयास विफल रहा।
लोमड़ी ने थोड़ी देर तक वहीं पर बैठकर सोचा और बोलने लगी मैं भी कितनी मूर्ख हूं जो इन खट्टे अंगूरों पर अपना समय व्यर्थ कर रही हूं। ऐसा कहते-कहते लोमड़ी वहां से चली गई।
कहानी से शिक्षा – लोमड़ी के खट्टे अंगूर | बच्चों की नई कहानियां
उस चीज में कमी निकालना काफी आसान है जो कि हम कर नहीं सकते। मेहनत के बिना कोई भी चीज हमें नहीं मिल सकती। इसलिए हमें मेहनत करते रहना चाहिए क्योंकि उसी से हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।