इस नई कहानी का नाम “हाथी और चींटी” (Hathi aur Chiti Story) है। एक बहुत ही पुराने जंगल की बात है जहाँ हाथी और चींटी जंगल में जानवरों के साथ रहते थे। हाथी जंगल में सबसे ताक़तवर था और बाकि सभी जानवर उससे डरते थे।
हाथी को अपनी ताकत पर बहुत घमंड था। जंगल में वह किसी को कुछ नहीं समझ ता था। हाथी जंगल में सबसे ताक़तवर था और बाकि सभी जानवर उससे डरते थे।
हाथी को अपनी ताकत पर बहुत घमंड था। वहा जंगल में सब जानवर को अपने से कम समझता था। एक बार हाथी जंगल मे अपने लिए खाना खोज रहा था।
उसने एक पेड़ के ऊपर तोते को देख और कहने लगा मैं इस जंगल में सबसे बलवान हूँ। तुम्हे मुझे झुककर सलाम करना चाहिए। तोता हाथी से बोला मैं तुम्हें सलाम नहीं करुँगी। इस जंगल में कोई भी किसी से बड़ा नहीं।
हाथी(Elephant) ये सुन कर आगबबूला हो गया और उसने गुस्से में पेड़ जिसमे तोता बैठा था उसे अपनी सूंड़ से उठाया और जाड़ से उखाड़ दिया। उस पेड़ में तोते का घोंसला था जोकि जमीन में जा गिरा और टूट गया। फिर हाथी(Elephant) वहां से चला गया।
पढ़िए लोमड़ी के खट्टे अंगूर बच्चों की नई कहानियां..
एक बार हाथी(Elephant) रोज की तरह पानी पीने के लिए तालाब के पास गया। उसी तालाब के पास एक चींटी भी एक गड्ढे में रहती थी। हाथी रोज चींटी(Ant) को परेशान करता था और उसका मज़ाक भी उडाता था। चींटी हाथी से बहुत परेशान थी।
एक बार चींटी काम करके एक बड़ा सा लड्डू आने गड्ढे में लेजा रही थी। हाथी ने चींटी को देखा और बोला ए चींटी!! क्या कर रही है?
चींटी ने खुश होके कहा, “वर्षा ऋतु आने वाली है और मैं खाना इकट्ठा कर रही हूँ ताकि वर्षा ऋतु में खाने की कमी न हो।
हाथी(Elephant) चींटी का मजाक उड़ाने लगा और उसने अपनी सूंड में तालाब से पानी भरा और चींटी के ऊपर फेक दिया।
जिससे चींटी का लड्डू फूट गया। चींटी को हाथी के ऊपर बहुत गुस्सा गया पर चींटी वहा से चले गयी।
मन ही मन चींटी सोच रही थी की एक दिन वह हाथी को सबक सिखाऊंगी।
एक बार हाथी नदी के पास सो रहा था। चींटी ने हाथी को सोते हुए देखा। चींटी ने सोचा आज हाथी(Elephant) सोया है क्यों ना आज हाथी से बदला लिया जाए।
चींटी आराम से हाथी की सूंड के अंदर घुस गयी और अपने दातो से काटने लगी।
हाथी अपनी नींद से जागा। हाथी को बहुत दर्द होने लगा। हाथी बोला कौन काट रहा है मेरी सूंड के अंदर मुझे बहुत दर्द हो रही है।
हाथी बहुत जोर से चिल्लाने लगा बचाओ!! बचाओ!!
मेरे बहुत दर्द हो रहा है। मुझे छोड़ दो भगवान के लिए छोड़ दो!!
चींटी ने जब हाथी(Elephant) की आवाज सुनी तो चींटी जल्दी से हाथी की सूंड से बहार आ गयी।
हाथी बोला मुझे माफ़ करदो, मैं आज से तुम्हे परेशान नहीं करुगा। ऐसा कहे के हाथी वहा से चला गया।
उस दिन से हाथी ने जंगल के किसी जानवर को परेशान नहीं किया।
कहानी से शिक्षा – हाथी और चींटी की कहानी | Hathi Aur Chiti Story
कभी भी किसी का मजाक नहीं बनाना चाहिए। हमे अपने कौशल का अभिमान नहीं करना चाहिए।